लखनऊ का अंबेडकर पार्क_Lucknow Ka Ambedkar Park
आपने बहुत सारे अंबेडकर पार्क देखे होंगे लेकिन लखनऊ का अंबेडकर पार्क हर जगह से अलग और शानदार है या दिखने में काफी बिंदास है और इसका लुक और इसका नजारा बहुत ही अलग तरीके काह यह अंबेडकर पार्क लखनऊ का सबसे बड़ा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा अंबेडकर पार्क है और लोग दूर-दूर से देखने के लिए आते हैं यह पार्क कब और कैसे बना जानते हैं।
Lakhnow Ambedkar Park
लखनऊ का अंबेडकर पार्क कब और कैसे बना?
लखनऊ का डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक (Ambedkar Memorial Park) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में स्थित एक भव्य स्मारक है। इसे सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य महान नेताओं के सम्मान में बनवाया गया है। इस स्मारक को बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बनवाया था।
निर्माण का समय और उद्देश्य
निर्माण का समय: अंबेडकर स्मारक का निर्माण 14 अप्रैल 1995 (डॉ. अंबेडकर की 104वीं जयंती) के दिन शुरू हुआ और इसे वर्ष 2008 में पूरा किया गया।
लक्ष्य इस स्मारक को दलितों, पिछड़े वर्गों और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं को सम्मान देने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, कांशीराम, और मायावती जैसे समाज सुधारकों को श्रद्धांजलि दी गई है।
निर्माण का विवरण
इस स्मारक के निर्माण में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी।
इसे संगमरमर और लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है, जो राजस्थान के मकराना और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से लाए गए थे।
पार्क में अंबेडकर जी की भव्य मूर्ति, स्तूप, गैलरी, और विशालकाय हाथी की मूर्तियां बनाई गई हैं। हाथी बसपा का चुनाव चिन्ह है और इसे पार्टी का प्रतीक बताया गया।
विवाद और आलोचना
इस स्मारक को लेकर काफी विवाद हुआ क्योंकि इसे बनाने में काफी धन खर्च किया गया, जो विपक्षी दलों ने गरीबों और विकास कार्यों पर खर्च करने का सुझाव दिया था।
हालांकि, मायावती और उनके समर्थकों ने इसे सामाजिक न्याय और दलित सम्मान का प्रतीक बताया।
स्मारक के मुख्य आकर्षण
1.डॉ. अंबेडकर की विशाल मूर्ति यह मूर्ति स्मारक का केंद्रबिंदु है।
2.बौद्ध स्तूप स्मारक के मध्य में स्थित है और बौद्ध संस्कृति को दर्शाता है।
3.हाथियों की मूर्तियां स्मारक के चारों ओर विशालकाय हाथियों की लाइन है।
4.विशाल गैलरी इसमें अंबेडकर और अन्य नेताओं के जीवन और कार्यों को दर्शाया गया है।
अंबेडकर स्मारक आज न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता का प्रतीक भी है।
अंबेडकर पार्क लोग कहां कहां से देखने आते है।
लखनऊ का डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक पार्क (Ambedkar Memorial Park) अपनी भव्यता, ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य कला के कारण देश-विदेश से लोगों को आकर्षित करता है। यह न केवल दलित समाज के लिए बल्कि विभिन्न समुदायों और पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है।
अंबेडकर पार्क देखने आने वाले लोग
1.भारत के विभिन्न राज्यों से
उत्तर प्रदेश के भीतर लखनऊ और आसपास के शहरों (कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज) से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आते हैं।
अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और पंजाब से भी दलित समुदाय के लोग और अन्य पर्यटक इसे देखने आते हैं, क्योंकि डॉ. अंबेडकर का प्रभाव पूरे देश में है।
2. विदेशी पर्यटक
कई विदेशी पर्यटक, विशेष रूप से बौद्ध धर्म और डॉ. अंबेडकर के अनुयायी (जैसे थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, और म्यांमार से) इस स्मारक को देखने आते हैं।
अन्य देशों के पर्यटक जो लखनऊ की ऐतिहासिक जगहों जैसे इमामबाड़ा या रेजीडेंसी देखने आते हैं, वे भी इस पार्क का दौरा करते हैं।
3.डॉ. अंबेडकर के अनुयायी और सामाजिक कार्यकर्ता
डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित लोग, विशेष रूप से बौद्ध धर्मावलंबी और सामाजिक न्याय के समर्थक, इसे देखने आते हैं।
मायावती और बसपा समर्थकों के लिए यह जगह एक श्रद्धा स्थल की तरह है।
4.छात्र और शोधकर्ता
भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र और सामाजिक न्याय, दलित इतिहास या आधुनिक भारत के स्थापत्य कला पर शोध करने वाले शोधकर्ता भी यहां आते हैं।
5.परिवार और स्थानीय लोग
लखनऊ के स्थानीय लोग और आस-पास के गांवों के लोग छुट्टियों और त्योहारों पर यहां घूमने आते हैं।
पार्क का शांत और भव्य वातावरण इसे पिकनिक या पारिवारिक यात्रा के लिए आकर्षक बनाता है।
प्रमुख आकर्षण जो लोगों को खींचते हैं
भव्य बौद्ध स्तूप और अंबेडकर जी की मूर्ति।
शानदार वास्तुकला, जिसमें राजस्थान के बलुआ पत्थर का उपयोग हुआ है।
पार्क के भीतर की साफ-सफाई और समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव।
इतिहास और सामाजिक न्याय से जुड़े संदेश, जो सभी वर्गों के लोगों को प्रेरित करते हैं।
नोट
त्योहारों, जैसे डॉ. अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) और विशेष आयोजनों के समय, पार्क में भीड़ अधिक होती है, क्योंकि लोग इसे श्रद्धा और सम्मान के साथ देखने आते हैं।
अंबेडकर पार्क में कुल कितने हाथी की मूर्ति है।
लखनऊ के अंबेडकर स्मारक पार्क में सभी दिशाओं में कुल 64 हाथियों की मूर्तियां लगाई गई हैं। ये हाथी मूर्तियां पार्क की चारों दिशा में स्थित हैं, और हर दिशा में 16 हाथियों की मूर्तियां हैं।
हाथी बसपा पार्टी का चुनाव चिन्ह है, और यह मूर्तियां सामाजिक न्याय और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। इन हाथियों की मूर्तियों को अत्यधिक विस्तार और सजावट के साथ स्थापित किया गया है, जो स्मारक के भव्यता में चार चांद लगाते हैं। इन हाथियों को खास तौर पर लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जो पार्क के स्थापत्य शैली में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
लखनऊ का अंबेडकर पार्क लखनऊ लोग इसको दूर-दूर से देखने आते हैं क्योंकि जा एक अंबेडकर पार्क है और अंबेडकर जी का नाम इस दुनिया में इस शब्द में विख्यात है उन्होंने ऐसे कर्म किए अगर अंबेडकर के बारे में जनना है कुछ लोग यह भी कहते हैं कहते हैं कि अंबेडकर पार्क में सिर्फ हाथियों की संख्या ही ज्यादा लगाई गई है लेकिन दोस्तों हाथी एक चिन्ह है जिस जो मायावती जी को काफी पसंद था इसलिए उन्होंने ज्यादा से ज्यादा संख्या में अंबेडकर पार्क का जो लुक है जो नक्शा था वह काफी बेहतरीन है काफी बेहतरीन देखने में काफी शानदार लगता हैलोग सेल्फी और फोटो लेने आते हैं काफी लोग इसमें सॉन्ग की शूटिंग भी करते हैं और इसमें फिल्मों की भी शूटिंग करते हैं अंबेडकर पार्क लखनऊ की शान था और है और रहेगा क्योंकि ऐसा पार्क ना कभी बना था और ना कभी बना है और ना हो सकता है कोई हो सकता है ऐसी सरकार थी बहन कुमारी मायावती जी ने ऐसा पार्क है।
अंबेडकर पार्क की टिकट कितने की है?
अंबेडकर स्मारक पार्क (डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क) लखनऊ में प्रवेश के लिए टिकट निःशुल्क है। इस पार्क में आम लोगों के लिए प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है, और यह सभी के लिए खुला होता है।
यह पार्क जनता के लिए एक सार्वजनिक स्थल है, जहाँ लोग बिना किसी शुल्क के जा सकते हैं और स्मारक, मूर्तियां, गैलरी और अन्य आकर्षणों का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेष कार्यक्रमों, आयोजनों या नाइट विजिट के दौरान शुल्क लिया जा सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर यह स्थल निःशुल्क है।
अंबेडकर पार्क में क्या क्या है?
अंबेडकर स्मारक पार्क (डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क) लखनऊ का एक भव्य और ऐतिहासिक स्थल है, जिसमें कई महत्वपूर्ण और आकर्षक संरचनाएं हैं। यह पार्क डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य समाज सुधारकों को सम्मान देने के लिए बनाया गया था, और यह उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। यहाँ कुछ प्रमुख आकर्षण हैं।
1.डॉ. भीमराव अंबेडकर की भव्य मूर्ति
यह पार्क का सबसे प्रमुख आकर्षण है। डॉ. अंबेडकर की यह 12 फीट लंबी और भव्य कांस्य मूर्ति पार्क के मुख्य स्थल पर स्थित है। यह मूर्ति उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए बनाई गई है और पार्क का केंद्रबिंदु है।
2.हाथियों की मूर्तियां
पार्क के चारों ओर 64 हाथियों की विशाल मूर्तियां हैं, जो चारों दिशा में लगी हुई हैं। ये मूर्तियां विशेष रूप से लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई हैं और बसपा पार्टी के चुनाव चिन्ह (हाथी) का प्रतीक हैं। ये मूर्तियां शक्ति और सामाजिक न्याय का प्रतीक मानी जाती हैं।
3.बौद्ध स्तूप
पार्क के मध्य में एक विशाल बौद्ध स्तूप है, जो बौद्ध धर्म और उसके सिद्धांतों का प्रतीक है। यह स्तूप शांतिपूर्ण और ध्यानमग्न वातावरण प्रदान करता है, और यहाँ पर बौद्ध धर्म के अनुयायी विशेष रूप से ध्यान और पूजा के लिए आते हैं।
4.स्मारक गैलरी
यह गैलरी डॉ. अंबेडकर और अन्य समाज सुधारकों के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी देती है। यहाँ पर चित्रकला, तस्वीरें और डॉक्यूमेंट्स प्रदर्शित होते हैं, जो उनके जीवन और संघर्ष को दर्शाते हैं।
5.समाज सुधारकों की मूर्तियां
पार्क में अन्य समाज सुधारकों की भी मूर्तियाँ हैं, जैसे कांशीराम, जो बसपा के संस्थापक थे, और अन्य महान नेताओं की मूर्तियाँ। ये मूर्तियां उनके योगदान को सम्मानित करती हैं।
6.निर्माण कार्य और वास्तुकला
पार्क की वास्तुकला अद्भुत है, जिसमें लाल बलुआ पत्थर, संगमरमर और कांस्य का उपयोग किया गया है। इसकी सजावट और निर्माण शिल्प में राजस्थान के मकराना और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
7.लाइट एंड साउंड शो
कभी-कभी पार्क में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है, जिसमें डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को रंग-बिरंगी लाइट्स और ध्वनि प्रभावों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह शो खासकर शाम के समय आकर्षक होता है।
8.बाग-बगिचे और हरे-भरे क्षेत्र
पार्क में विशाल हरे-भरे बाग-बगिचे हैं, जहाँ लोग सुकून से बैठ सकते हैं। यह जगह खासतौर पर परिवारों और बच्चों के लिए आदर्श है, जहां लोग अपने समय का आनंद ले सकते हैं।
9.निर्माण कार्य की भव्यता
पार्क का निर्माण संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से किया गया है, और इसकी भव्यता इसे एक अद्वितीय स्थल बनाती है। यह पार्क कला, वास्तुकला और संस्कृति का एक सुंदर मिश्रण है।
नोट अंबेडकर पार्क न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समानता और सम्मान का प्रतीक भी है, जहां लोग डॉ. अंबेडकर और उनके समकालीन समाज सुधारकों को याद करते हैं।
अंबेडकर पार्क में ऐसी कोई चीज नहीं रखी गई है जिसमें अंधविश्वास और पाखंड हो उसमें वास्तविक वाली चीज वास्तविक वाली मूर्तियां जो एक्चुअल में थी और जिन्होंने समाज के लिए काम किया और इस समाज को बढ़ावा देने का काम किया मायावती ने उन्हें की मूर्तियां ज्यादा रखवाई है क्योंकि
आने वाले समय को देखकर उन्होंने उन चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया जो चीज वास्तविकता में हुई अंधविश्वास और पाखंड वास्तव मे खत्म होना चाहिए उसमें किसी भगवान ने किसी देवी देवता की मूर्ति इसलिए नहीं रखी गईककिहइसलि उसको लोग दूर-दूर से देखने आते हैं विदेश के लोग उसमें टहलने आते हैं और भगवान और देवी देवता सिर्फ इंडिया में जाने जाते है उसमें जो महापुरुषों की मूर्तियां हैं वह देश विदेश में जातीह लोगों को विदेशों में पढ़ते हैं इसलिए उसमें जो कुछ भी हती बहुत ही सोच समझकर बनाया गया है।
यूपी में दूर-दूर से लोग इसको देखने के लिए आते हैं यूपी के काफी लोग इसकोकरते खासकर अप को छोड़कर विदेश के लोग भी इसको पसंद करते हैं इसलिए दूर-दूर से लोग इसको सर्च करते हैं और इस लोकेशन को सर्च करके दूर-दूर से लोग अंबेडकर पार्क को देखने के लिए आते हैं और उसमें सेल्फी लेते हैं वीडियो बनाते हैं दोस्तों अंबेडकर पार्क लखनऊ की शान है और या विदेश के भी शान है क्योंकि इसमें बहुत धर्मी लोग ज्यादा रहते हैं बहुत धर्म के लोग काफी ज्यादा अंबेडकर पार्क को पसंद करते हैं क्योंकि अंबेडकर पार्क में हमेशा सबका आगमन है उसमें किसी भी प्रकार कामें भेद है और लोग इसको काफी ज्यादा पसंद करते हैं अंबेडकर पार्क एक अंबेडकर के नाम से बना है इसलिए काफी लोग इसको पसंद भी नहीं करते हैं लेकिन मैं बता दूं दोस्तों इसको जब विदेशों से लोग टहलने आते हैं तो इंडिया के लोग ना भी पसंद करेंगे तो इसके इस पर किसी का कोई फर्क नहीं पड़ता जिस चीज को विदेश के लोग पसंद कर रहे हो उसके उसको उसे देश के लोग पसंद करें या ना करें उसे पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है इसलिए दोस्तों अंबेडकर का नाम इस शब्द में विख्यात है ।
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